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Showing posts from 2020

देश की दूसरी व दक्षिण भारत की पहली किसान रेल का शुभरम्भ

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देश की दूसरी और दक्षिण भारत की पहली किसान रेल का शुभारंभ बुधवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री वाय.एस. जगनमोहन रेड्डी के मुख्य आतिथ्य में हुआ। रेल राज्य मंत्री श्री सुरेश सी. अंगड़ी ने अध्यक्षता की। दक्षिण मध्य रेलवे के गुंतकल मंडल के अंतर्गत, यह विशेष गाड़ी के रूप में अनंतपुर (आंध्र प्रदेश) से आदर्श नगर (दिल्ली) के लिए रवाना हुई। इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि किसान रेल से कृषि की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, वहीं श्री रेड्डी ने कहा कि इसके माध्यम से आंध्र प्रदेश के मशहूर फल देश में सुगमता से पहुंचेंगे। श्री तोमर ने कहा कि गांव-गरीब-किसान हमेशा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता पर रहे हैं। खेती की व्यवस्था में किसानों को मुनाफा हों, उनकी आय दोगुनी हों, इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए पीएम हर बजट में प्रयत्न करते रहे हैं, जो सफल भी हो रहे हैं। बजट में किसान रेल व किसान उड़ान की सुविधाओं की घोषणा की गई थी, ताकि फल-सब्जियां कम समय में एक से दूसरे स्थान पर भेजे जा सकें। गत 7 अगस्त को दे

आदिवासी स्वास्थ्य और पोषण सुरक्षा के लिए ई-पोर्टल का उद्घाटन

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जन जातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा आज कई पहलों की घोषणा की हैं जिनमें जनजातीय स्वास्थ्य एवं पोषण पोर्टल ‘स्‍वास्‍थ्‍य’ और स्वास्थ्य तथा पोषण पर ई-न्यूजलेटर ‘आलेख’, राष्‍ट्रीय प्रवासी पोर्टल और राष्‍ट्रीय जनजातीय फैलोशिप पोर्टल शामिल हैं। इस अवसर पर केन्‍द्रीय जनजा‍तीय कार्य मंत्री  अर्जुन मुंडा, जनजातीय कार्य राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरुता, कैबिनेट सचिवालय में सचिव (समन्वय),  वी.पी. जॉय और जनजातीय कार्य मंत्रालय में सचिव दीपक खांडेकर उपस्थित थे।जनजातीय कार्य मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव नवलजीत कपूर ने मंत्रालय के डैशबोर्ड के कार्य निष्‍पादन के बारे में प्रस्‍तुति दी, जिसमें 11 योजनाओं के परिणाम संकेतक तथा मंत्रालय की पहल का प्रदर्शन किया गया। अर्जुन मुंडा ने आदिवासी स्वास्थ्य और पोषण पर ‘स्वास्‍थ्‍य’ नामक ई-पोर्टल का उद्घाटन किया, जो अपने किस्‍म का पहला ऐसा ई-पोर्टल है जो एक ही मंच पर भारत की जनजातीय आबादी के स्वास्‍थ्‍य और पोषण संबंधी जानकारी उपलब्ध कराता है। ‘स्‍वास्‍थ्‍य’ साक्षों, विशेषज्ञता और अनुभवों के आदान-प्रदान की सुविधा के लिए भारत के विभिन्‍न हिस्‍सों से एकत्र की गई

भारत में जैविक किसानों की कुल संख्या के मामले में ‘नंबर वन

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जैविक कृषि ही आने वाले भारत का भविष्य है जिससे आम जनजीवन में नियमित रूप से रसायन मुक्त उत्पादों कि आपूर्ति जारी रहे। आज जैविक खेती के विकास की गाथा न केवल भारत में,बल्कि विश्व स्तर पर भी बढ़ती मांग की बदौलत अब पूरी तरह से हमारे सामने है। कोविड महामारी से त्रस्‍त दुनिया में स्वास्‍थ्‍यवर्धक एवं सुरक्षित भोजन की मांग पहले से ही निरंतर बढ़ती जा रही है, अत: इस सुखद स्थिति को बयां करने का यह बिल्‍कुल उपयुक्‍त समय है कि किस तरह से यह हमारे किसानों, उपभोक्ताओं और पर्यावरण के लिए फायदे का सौदा है। भारत जैविक किसानों की कुल संख्या के मामले में ‘नंबर वन’ है और जैविक खेती के तहत कुल रकबे की दृष्टि से नौवें स्‍थान पर है। सिक्किम पूरी तरह से जैविक बनने वाला दुनिया का पहला राज्य बन गया। यही नहीं, त्रिपुरा एवं उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों ने भी ठीक इसी तरह के लक्ष्य तय किए हैं। पूर्वोत्‍तर भारत पारंपरिक रूप से जैविक रहा है और यहां रसायनों की खपत देश के बाकी हिस्सों की तुलना में काफी कम है। इसी तरह आदिवासी या जनजातीय और द्वीप क्षेत्रों को अपनी जैविक गाथा को निरंतर जारी रखने के लिए प्रोत्‍सा

एग्रीप्रेन्योरशिप, आरकेवीवाई 2020 के संदर्भ में मुख्य जानकारी लिंक के साथ जरूर पढ़ें

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केंद्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र को बहुत उच्च प्राथमिकता दी जाती है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से योगदान देकर किसानों की आय में बढ़ोत्तरी करने और युवाओं को रोजगार का अवसर प्रदान करने के लिए, स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहित किया जा रहा है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत एक घटक के रूप में, नवाचार और कृषि उद्यमिता विकास कार्यक्रम शुरू किया गया है जिसको वित्तीय सहायता प्रदान करके और ऊष्मायन पारिस्थितिकी तंत्र को पोषित करके, नवाचार और कृषि उद्यमीता को बढ़ावा दिया जा सके। ये स्टार्ट-अप्स विभिन्न श्रेणियों जैसे कृषि प्रसंस्करण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल कृषि, कृषि यंत्रीकरण, वेस्ट टू वेल्थ, डेयरी, मत्स्य पालन आदि में हैं।   कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग ने 5 नॉलेज पार्टनर्स (केपी) को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में चुना है। य़े हैं – राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (एमएएनएजीई), हैदराबाद, राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान (एनआईएएम) जयपुर, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) पूसा, नई दिल्ली, कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, धारवाड़, कर्नाटक और असम कृषि वि

2020 खरीफ के मुख्य फसलों के रकबे में बढ़ोतरी

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गांव एक्सप्रेस आप तक लगातार कृषि से जुड़े सभी मुख्य खबरें लगातार आप तक पहुंचता आ रहा है इस बार भी खरीफ के रकबे में बढ़ोतरी देखा जा रहा है जिससे अच्छे उत्पादन का अनुमान है केंद्र सरकार का कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग कोविड-19 महामारी के दौरान प्रक्षेत्र स्तर पर किसानों एवं कृषक गतिविधियों को सुगम बनाने के लिए कई कदम उठा रहा है। खरीफ फसलों के तहत बुवाई कवरेज क्षेत्र में संतोषजनक प्रगति हुई है जिसकी स्थिति नीचे दी गई है: चावल:  पिछले वर्ष की इस अवधि के 274.19 लाख हेक्टेयर की तुलना में चावल के तहत लगभग 321.79  लाख हेक्टेयर कवरेज क्षेत्र। इस प्रकार पिछले वर्ष की तुलना में 47.60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र अधिक कवर किया गया है। दलहन:  पिछले वर्ष की इस अवधि के 114.77 लाख हेक्टेयर की तुलना में दलहन के तहत लगभग 119.59  लाख हेक्टेयर कवरेज क्षेत्र। इस प्रकार पिछले वर्ष की तुलना में 4.82 लाख हेक्टेयर क्षेत्र अधिक कवर किया गया है। मोटे अनाज:  पिछले वर्ष की इस अवधि के 154.77  लाख हेक्टेयर की तुलना में मोटे अनाज के तहत लगभग 160.43 लाख हेक्टेयर कवरेज क्षेत्र। इस प्रकार पिछले वर

देश कि पहली मल्टी कमोडिटी ट्रेन किसान रेल के किराये समेत स्टॉपेज के बारे में जरूर पढ़ें

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देश के अन्नदाता को एक राज्य से दूसरे राज्य से जोड़ने के साथ ही उनके उत्पादों को अन्य राज्यों के बाजार में कम समय में उपलब्ध करने के लिए भारतीय रेलवे ने किसानों के लिए एक विशेष साप्ताहिक पार्सल ट्रेन ‘किसान रेल’ की शुरुआत कि है जो कि देवलाली (महाराष्ट्र) से दानापुर (बिहार) के बीच चलेगी इस कदम को केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा केन्द्रीय बजट 2020-21 में की गई घोषणा के अनुसार है और उम्मीद है कि यह ट्रेन जल्द खराब होने वाले कृषि उत्पाद एवं अन्य उत्पादों की निर्बाध आपूर्ति श्रृंखला प्रदान करेगी, जिससे किसानों को बहुत मदद मिलेगी क्योंकि इस ट्रेन का माल-भाड़ा ‘पी’ स्केल पर सामान्य ट्रेन के पार्सल टैरिफ के अनुसार लिया जाएगा   केन्द्रीय बजट 2020-21 में वित्त मंत्री ने जल्द खराब होने वाले उत्पादों जिसमें दूध, मांस और मछली शामिल है, के लिए निर्बाध नेशनल कोल्ड सप्लाई चेन बनाने की घोषणा की थी। यह भी कहा गया था कि भारतीय रेलवे एक किसान रेल की शुरुआत करेगा। जैसा कि वित्त मंत्री द्वारा चालू वर्ष के केंद्रीय बजट में घोषणा की गई है, यह ट्रेन साप्ताहिक आधार 10+1 वीपीएस की शुरु

सिंगल जी के जलवे को देखें

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एक सुंदर लड़की और सिंगल जी में अफेयर चल रहा था....!बात शादी तक पहुंचने वाली थी इससे पहले ही ??? एक दिन दोनो पार्क में बैठे हुए थे कि....🤣🤣🤣 लडकी ने पुछा- क्या तुम्हारे पास मारूति कार है ?🤣🤣🤣🤣 सिंगल जी - नहीं...! लडकी - क्या तुम्हारे पास फ्लैट है ?🤣🤣😃 सिंगल जी - नहीं...! लडकी - क्या तुम्हारे पास नौकरी है ?🤣🤣🤣 सिंगल जी - नहीं...! और.... फिर.....  ब्रेक अप....!! इधर....प्रेमिका के इस तरह चले जाने से सिंगल जी उदास हो गए और सोचने लगे कि.... जब मेरे पास पाँच-पाँच  BMW कार हैं ... तो, मुझे भला मारूति की क्या जरूरत है ? जब, मेरे पास खुद का इतना बडा बंगला है तो मुझे फ्लैट की क्या जरुरत है ???? और...  जब, मेरे पास 500 करोड  टर्नओवर का अपना बिजनेस है और 400 लोग मेरे यहाँ नौकरी करते है तो फिर मुझे नौकरी की क्या जरूरत ???? आखिर, वो मुझे क्यों छोड गयी ??? इसीलिए.... बिना पूरी बात  जाने जल्दीबाजी मे कोई फैसला नहीं करना चाहिए...! और.... सबको अपने स्टैन्डर्ड से नहीं परखना चाहिए क्योंकि हो सकता है वो आपकी सोच से ज्यादा बडा हो...!

मिनिस्टर साहब नाचने आए है इसलिए अधिकारी भी नाचने गए हैं

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जैसलमेर से बीकानेर बस रुट पर....बीच में एक बड़ा सा गाँव है जिसका नाम है "नाचना" अक्सर वहाँ से जब बस आती है तो लोग कहते है कि  नाचने वाली बस आ गयी..और कंडक्टर भी बस रुकते ही चिल्लाता.. नाचने वाली सवारियाँ यहीं उतर जाएं बस आगे जाएगी.. ऐसे ही एक बार एक इमरजेंसी में रॉ का एक नौजवान अधिकारी जैसलमेर आया और रात बहुत हो चुकी थी, वह सीधा थाने पहुँचा और ड्यूटी पर तैनात सिपाही से पूछा - थानेदार साहब कहाँ हैं ? सिपाही ने जवाब दिया थानेदार साहब "नाचने" गये हैं.. अफसर का माथा ठनका उसने पूछा डिप्टी साहब कहाँ हैं..? सिपाही ने विनम्रता से जवाब दिया- हुकुम "डिप्टी साहब" भी नाचने गए हैं.. अब तो अफसर को लगा सिपाही अफीम की पिन्नक में है, फिर उसने एसपी के निवास पर फोन📞 किया।और पूछा  एस.पी. साहब हैं ? और उधर से फोन पर जवाब मिला कि साहब नाचने गए हैं..!! पर अफसर कन्फ्यूजिया गया और फिर पूछा  लेकिन नाचने कहाँ गए हैं, ये तो बताइए ? उधर से बताया न नाचने गए हैं, सुबह तक आ जायेंगे।और फोन रख दिया कलेक्टर के घर फोन लगाया वहाँ भी यही जवाब मिला, साहब तो नाचने गए हैं.. अफसर का दि

इस कहानी के माध्यम से संदेश कोरोना से सावधान रहने के लिए जरूर पढ़ें

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एक राजा को राज करते काफी समय हो गया था।बाल भी सफ़ेद होने लग थे।एक दिन उसने अपने दरबार में उत्सव रखा और अपने मित्र देश के राजाओं को भी सादर आमन्त्रित किया व अपने गुरुदेव को भी बुलाया। उत्सव को रोचक बनाने के लिए राज्य की सुप्रसिद्ध नर्तकी को भी बुलाया गया। राजा ने कुछ स्वर्ण मुद्रायें अपने गुरु जी को भी दी, ताकि नर्तकी के अच्छे गीत व नृत्य पर वे भी उसे पुरस्कृत कर सकें। सारी रात नृत्य चलता रहा। ब्रह्म मुहूर्त की बेला आई, नर्तकी ने देखा कि मेरा तबले वाला ऊँघ रहा है और तबले वाले को सावधान करना ज़रूरी है, वरना राजा का क्या भरोसा दंड दे दे। तो उसको जगाने के लिए नर्तकी ने एक दोहा पढ़ा - "घणी गई थोड़ी रही, या में पल पल जाय। एक पलक के कारणे, युं ना कलंक लगाय।" अब इस  दोहे का अलग-अलग व्यक्तियों ने अपने अनुरुप अर्थ निकाला। तबले वाला सतर्क होकर बजाने लगा।  जब यह दोहा गुरु जी ने सुना तो गुरुजी ने सारी मोहरें उस नर्तकी को अर्पण कर दी। दोहा सुनते ही राजकुमारी ने  भी अपना नौलखा हार नर्तकी को भेंट कर दिया। दोहा सुनते ही राजा के युवराज ने भी अपना मुकुट उतारकर नर्तकी को समर्पित कर द

विनीता कुमारी का मशरूम कि खेती से बीज के उत्पादन तक के सफर कि कहानी

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कई महिलाओं के लिए मिसाल बन रही बिहार के बांका जिले के झिरवा गांव के निवासी विनीता कुमारी आज स्वयं आत्मनिर्भर होकर कई महिलाओं को भी प्रशिक्षण देकर समूह से जोड़ रही हैं और उनको भी आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर कर रही हैं आज गांव एक्सप्रेस के वरिष्ठ पत्रकार अनिकेत सिन्हा कि खास बातचीत हुई मशरूम की खेती एवं बीज निर्माण करने वाली सफल महिला किसान विनीता कुमारी द्वारा उनके संघर्ष सफल होने तक की खास बातें  प्रश्न-मशरूम की खेती करने की शुरुआत कब हुई पति की सीमित आय और परिवार की बढ़ती जिम्मेदारियों को देखते हुए हमेशा से ख्याल आता था कि कुछ अलग किया जाए जिससे परिवार की आमदनी का जरिया बढे। मुख्य रूप से ग्रेजुएट तक की शिक्षा प्राप्त करने के बाद हमेशा से कुछ अलग करने की इच्छा मन में बनी रहती थी ऐसे में 2011 में कृषि विज्ञान केंद्र बांका द्वारा चलाए जा रहे मशरूम की खेती का प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में जानकारी मिली और डॉक्टर विनोद कुमार से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद मशरूम की खेती की शुरुआत कर दी उसके बाद फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और दिन प्रतिदिन मशरूम की बढ़ती डिमांड  देख

पके छिले नारियल के एमएसपी में बढ़ोतरी

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केंद्र सरकार ने पके छिले नारियल के लिए 2020 सीजन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रति क्विंटल 2,700 रुपये घोषित किया है। इस प्रकार, 2019 सीजन के प्रति क्विंटल 2,571 रुपये के मुकाबले 5.02 प्रतिशत की बढ़ोतरी एमएसपी में की गई है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि मोदी सरकार ने देश भर में हर स्तर पर सभी तरह की उपज के किसानों व संबंधित वर्गों के हितों को सर्वोपरि रखा है। पके छिले नारियल के न्यूनतम समर्थन मूल्‍य में वृद्धि से ताजा नारियल की खरीद सुगम होगी। साथ ही, लाखों छोटे नारियल किसानों को बढ़ी हुई एमएसपी का लाभ मिलेगा। नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि छोटे नारियल किसानों की फसल होने के नाते किसानों के स्तर पर एकत्रीकरण और खोपरा बनाने के लिए व्यवस्था करना आम बात नहीं है। यद्यपि, पेषण खोपरा का न्यूनतम समर्थन मूल्‍य 2020 फसल सीजन के लिए प्रति क्विंटल 9,960 रुपये है, फिर भी छिले नारियल के लिए उच्चतर न्यूनतम समर्थन मूल्‍य की घोषणा से ऐसे छोटे किसानों को तुरंत नकद मिलना सुनिश्चित हो जाता है जो उत्पाद को अपने

टैफे ने कोरोना के दौरान छोटे किसानों को कराई मुफ़्त खेती

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• फ़्री ट्रैक्टर रेंटल स्कीम के हुए 75 दिन पुरे, किसानों को मिली अच्छी आम्दनी • खेती के महत्वपूर्ण मौसम में हजारों छोटे किसानों को मुफ़्त ट्रैक्टर सेवा प्राप्त हुई • मैसी फर्ग्यूसन और आयशर ट्रैक्टर के मालिकों ने किराए के जरिये अतिरिक्त आय प्राप्त की • उत्तर प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु में इस सेवा की भारी मांग टैफे - भारत की दूसरी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ट्रैक्टर निर्माता कंपनी (संख्यानुसार), ट्रैक्टर्स एंड फार्म इक्विपमेंट लिमिटेड ने 1 अप्रैल, 2020 से उत्तर प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु में किसानों के लिए, अपने जेफार्म सर्विसेज़ प्लेटफॉर्म के माध्यम से, मुफ्त ट्रैक्टर रेंटल सेवा शुरू की थी। 90 दिनों के लिए चलाई जा रही यह सेवा 30 जून, 2020, तक जारी रहेगी। इस स्कीम को किसान समुदाय से अति उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली और इसके लागू होने के 75 दिनों के अंदर ही 160,000 एकड़ से अधिक में खेती का कार्य हुआ, और इस रेंटल सेवा से फसल के महत्वपूर्ण मौसम में हजारों किसानों को लाभ हुआ है। टैफे द्वारा इस सामाजिक पहल का उद्देश्य किसान समुदाय को कोविड-19 के आर्थिक प्रभाव से बचाना

1.5 करोड़ डेयरी किसानों को भी जोड़ा जाएगा केसीसी से

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आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत केंद्र सरकार कई परियोजना के तहत लाभ देने कि शुरुआत कर रही है जिससे किसानों के लिए भी सभी योजना का लाभ मिल सके भारत सरकार एक विशेष अभियान के तहत अगले दो महीनों (1 जून -31 जुलाई, 2020) के दौरान दुग्‍ध संघों और दुग्‍ध उत्‍पादक कम्‍पनियों से जुड़े 1.5 करोड़ डेयरी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) उपलब्‍ध कराएगी। पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने इस अभियान को मिशन के रूप में लागू करने के लिए वित्‍तीय सेवा विभाग के साथ मिलकर सभी राज्‍य दुग्‍ध महासंघ और दुग्‍ध संघों को पहले ही उपयुक्‍त परिपत्र और केसीसी आवेदन प्रारूप जारी कर दिये हैं। डेयरी सहकारिता अभियान के तहत, देश के लगभग 1.7 करोड़ किसान 230 दुग्‍ध संघों के साथ सम्‍बद्ध हैं। इस अभियान के पहले चरण में, उन सभी किसानों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है जो डेयरी सहकारी समितियों के सदस्य हैं और विभिन्न दुग्‍ध संघों से जुड़े हैं और जिनके पास केसीसी नहीं है। जिन किसानों के पास पहले से ही अपने भू स्वामित्व के आधार पर केसीसी है, वे अपनी केसीसी ऋण की सीमा को बढ़ा सकते हैं, हालांकि ब्याज की दरों से

लू से बचने के उपाय जरूर पढ़ें

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दोस्तों भीषण गर्मी शुरू हो चुकी है और सबसे मुख्य इस गर्मी में चलने वाली गर्म हवा जिसे लू कहते हैं उससे बच के रहने की जरूरत है भारत के कुछ राज्यों के साथ दिल्ली-एनसीआर में भीषण गर्मी शुरूआत हो चुकी है । भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) के मुताबिक, आगामी कुछ दिनों में जबरदस्त लू चलेगी।  इस दौरान 30 किलोमीटर की रफ्तार से गर्म हवा चलने की भी आशंका है। मौसम विभाग का यह भी पूर्वानुमान है कि अगले कुछ दिनों तक अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। हो सकता है अधिकतम तापमान 45 डिग्री के पार भी जा सकता है। इसी के मद्देनजर दिल्ली में मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी कर दिया है। आइये जानते हैं कि आप किन उपायों को अपनाकर लू से बच सकते हैं? क्या होती है लू गर्मियों के मौसम में मई-जून के दौरान उत्तर-पूर्व तथा पश्चिम से पूर्व दिशा की ओर चलने वाली उष्ण तथा शुष्क हवाओं को लू कहा जाता है। कुछ जगहों पर गर्म हवा भी कहते हैं। मई-जून के महीने में चलने वाली लू के दौरान अधिकतम तापमान 42 से 45 डिग्री या इससे भी अधिक रहता है, ऐसे में गर्म हवाएं लोगों की परेशा

एचआईएल(इंडिया) ने टिड्डी नियंत्रण कीटनाशक उपलब्ध किया

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टिड्डियों की समस्या भारत के किसानों के लिए बहुुुत बड़ी  चुनौती बन रही है जिसके कारण फसलों को भारी क्षति हो रही है और किसानों को आर्थिक नुकसान भी हो रहा है उसके साथ लॉक डाउन ने भी अलग समस्या उत्पन्न हो रही है जिससे कोविड-19 के कारण किए गए लॉकडाउन से उत्‍पन्‍न लॉजिस्टिक्स एवं अन्य चुनौतियों के बावजूद रसायन और उर्वरक मंत्रालय के रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग के अधीनस्‍थ सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (पीएसयू) ‘एचआईएल (इंडिया) लिमिटेड’ ने कृषक समुदाय के लिए बिल्‍कुल ठीक समय पर कीटनाशकों का उत्पादन और आपूर्ति सुनिश्चित की है। एचआईएल अब भारत और ईरान के बीच सरकारी स्‍तर पर हुई व्यवस्था के तहत ईरान को टिड्डी नियंत्रण कार्यक्रम के लिए 25 एमटी मैलाथियान टेक्निकल का उत्पादन और आपूर्ति करने की प्रक्रिया में है। केंद्रीय विदेश मंत्रालय (एमईए) ने इस वस्तु यानी कीटनाशक का उत्‍पादन कर इसकी आपूर्ति ईरान को करने के लिए एचआईएल से संपर्क किया है। यही नहीं, इस केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम की क्रेडिट रेटिंग ‘बीबी’ से बढ़ाकर ‘बीबीबी- ’ कर दी गई है, जो एक ‘स्थिर निवेश ग्रेड’ को दर्शाती है