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Showing posts from June, 2020

पके छिले नारियल के एमएसपी में बढ़ोतरी

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केंद्र सरकार ने पके छिले नारियल के लिए 2020 सीजन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रति क्विंटल 2,700 रुपये घोषित किया है। इस प्रकार, 2019 सीजन के प्रति क्विंटल 2,571 रुपये के मुकाबले 5.02 प्रतिशत की बढ़ोतरी एमएसपी में की गई है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि मोदी सरकार ने देश भर में हर स्तर पर सभी तरह की उपज के किसानों व संबंधित वर्गों के हितों को सर्वोपरि रखा है। पके छिले नारियल के न्यूनतम समर्थन मूल्‍य में वृद्धि से ताजा नारियल की खरीद सुगम होगी। साथ ही, लाखों छोटे नारियल किसानों को बढ़ी हुई एमएसपी का लाभ मिलेगा। नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि छोटे नारियल किसानों की फसल होने के नाते किसानों के स्तर पर एकत्रीकरण और खोपरा बनाने के लिए व्यवस्था करना आम बात नहीं है। यद्यपि, पेषण खोपरा का न्यूनतम समर्थन मूल्‍य 2020 फसल सीजन के लिए प्रति क्विंटल 9,960 रुपये है, फिर भी छिले नारियल के लिए उच्चतर न्यूनतम समर्थन मूल्‍य की घोषणा से ऐसे छोटे किसानों को तुरंत नकद मिलना सुनिश्चित हो जाता है जो उत्पाद को अपने

टैफे ने कोरोना के दौरान छोटे किसानों को कराई मुफ़्त खेती

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• फ़्री ट्रैक्टर रेंटल स्कीम के हुए 75 दिन पुरे, किसानों को मिली अच्छी आम्दनी • खेती के महत्वपूर्ण मौसम में हजारों छोटे किसानों को मुफ़्त ट्रैक्टर सेवा प्राप्त हुई • मैसी फर्ग्यूसन और आयशर ट्रैक्टर के मालिकों ने किराए के जरिये अतिरिक्त आय प्राप्त की • उत्तर प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु में इस सेवा की भारी मांग टैफे - भारत की दूसरी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ट्रैक्टर निर्माता कंपनी (संख्यानुसार), ट्रैक्टर्स एंड फार्म इक्विपमेंट लिमिटेड ने 1 अप्रैल, 2020 से उत्तर प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु में किसानों के लिए, अपने जेफार्म सर्विसेज़ प्लेटफॉर्म के माध्यम से, मुफ्त ट्रैक्टर रेंटल सेवा शुरू की थी। 90 दिनों के लिए चलाई जा रही यह सेवा 30 जून, 2020, तक जारी रहेगी। इस स्कीम को किसान समुदाय से अति उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली और इसके लागू होने के 75 दिनों के अंदर ही 160,000 एकड़ से अधिक में खेती का कार्य हुआ, और इस रेंटल सेवा से फसल के महत्वपूर्ण मौसम में हजारों किसानों को लाभ हुआ है। टैफे द्वारा इस सामाजिक पहल का उद्देश्य किसान समुदाय को कोविड-19 के आर्थिक प्रभाव से बचाना

1.5 करोड़ डेयरी किसानों को भी जोड़ा जाएगा केसीसी से

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आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत केंद्र सरकार कई परियोजना के तहत लाभ देने कि शुरुआत कर रही है जिससे किसानों के लिए भी सभी योजना का लाभ मिल सके भारत सरकार एक विशेष अभियान के तहत अगले दो महीनों (1 जून -31 जुलाई, 2020) के दौरान दुग्‍ध संघों और दुग्‍ध उत्‍पादक कम्‍पनियों से जुड़े 1.5 करोड़ डेयरी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) उपलब्‍ध कराएगी। पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने इस अभियान को मिशन के रूप में लागू करने के लिए वित्‍तीय सेवा विभाग के साथ मिलकर सभी राज्‍य दुग्‍ध महासंघ और दुग्‍ध संघों को पहले ही उपयुक्‍त परिपत्र और केसीसी आवेदन प्रारूप जारी कर दिये हैं। डेयरी सहकारिता अभियान के तहत, देश के लगभग 1.7 करोड़ किसान 230 दुग्‍ध संघों के साथ सम्‍बद्ध हैं। इस अभियान के पहले चरण में, उन सभी किसानों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है जो डेयरी सहकारी समितियों के सदस्य हैं और विभिन्न दुग्‍ध संघों से जुड़े हैं और जिनके पास केसीसी नहीं है। जिन किसानों के पास पहले से ही अपने भू स्वामित्व के आधार पर केसीसी है, वे अपनी केसीसी ऋण की सीमा को बढ़ा सकते हैं, हालांकि ब्याज की दरों से