बबुल के फलियों के फायदे जरूर पढ़ें
हम गांव एक्सप्रेस आज आपको बताने जा रहे हैं बबूल के बारे में जिससे शरीर के कई बीमारियों में बहुत ही लाभदायक है पर नियमित जानकारी और वैध से परामर्श के बाद प्रयोग करने से यह कई बीमारियों में कारगर सिद्ध हुआ है और यही नही इसकी कई प्रजातियां है कुछ राज्यों हरियाणा,मध्यप्रदेश,राजस्थान व अन्य राज्यों इंसानी शरीर को बढ़ती उम्र के साथ बबूल कांटेदार पेड़ होता है... सम्पूर्ण भारत वर्ष में यह आसानी से मिल जाता है... इस समय इस पर फलियो की बहार हैं। इसकी लकड़ी बहुत ही मजबूत होती है...मालवा (मध्यप्रदेश) में बबूल के पेड़ पानी के निकट तथा काली मिट्टी में अधिक मात्रा में पाये जाते हैं.... इनमें सफेद कांटे जोड़े के रूप में होते हैं.... इसके पत्ते आंवले के पत्ते की अपेक्षा अधिक छोटे और घने होते हैं.... विभिन्न भाषाओं में नाम - संस्कृत बबूल, बर्बर, दीर्घकंटका ,हिन्दी बबूर, बबूल, कीकर /बंगाली बबूल गाछ / मराठी माबुल बबूल / गुजराती बाबूल /तेलगू बबूर्रम, नक दुम्मा, नेला, तुम्मा / पंजाबी बाबला / अरबी उम्मूछिलान / फारसी खेरेमुधिलान / तमिल कारुबेल / अंग्रेजी एकेशियाट्री / लैटिन माइमोसा अराब