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Showing posts from April, 2020

बबुल के फलियों के फायदे जरूर पढ़ें

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 हम गांव एक्सप्रेस आज आपको बताने जा रहे हैं बबूल के बारे में जिससे शरीर के कई बीमारियों में बहुत ही लाभदायक है पर नियमित जानकारी और वैध से परामर्श के बाद प्रयोग करने से यह कई बीमारियों में कारगर सिद्ध हुआ है और यही नही इसकी कई प्रजातियां है कुछ राज्यों हरियाणा,मध्यप्रदेश,राजस्थान व अन्य राज्यों  इंसानी शरीर को बढ़ती उम्र के साथ  बबूल कांटेदार पेड़ होता है... सम्पूर्ण भारत वर्ष में यह आसानी से मिल जाता है... इस समय इस पर फलियो की बहार हैं। इसकी लकड़ी बहुत ही मजबूत होती है...मालवा (मध्यप्रदेश) में बबूल के पेड़ पानी के निकट तथा काली मिट्टी में अधिक मात्रा में पाये जाते हैं.... इनमें सफेद कांटे जोड़े के रूप में होते हैं.... इसके पत्ते आंवले के पत्ते की अपेक्षा अधिक छोटे और घने होते हैं....  विभिन्न भाषाओं में नाम - संस्कृत बबूल, बर्बर, दीर्घकंटका ,हिन्दी बबूर, बबूल, कीकर /बंगाली बबूल गाछ / मराठी माबुल बबूल / गुजराती बाबूल /तेलगू बबूर्रम, नक दुम्मा, नेला, तुम्मा / पंजाबी बाबला / अरबी उम्मूछिलान / फारसी खेरेमुधिलान / तमिल कारुबेल / अंग्रेजी एकेशियाट्री / लैटिन माइमोसा अराब

लॉक डाउन में मन की बात का हर शब्द :जरूर पढ़ें

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गांव एक्सप्रेस आप तक प्रधानमंत्री द्वारा मन की बात को शब्दों में आप तक पहुंचा रहे हैं आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा की तरह इस बार भी मन कि बात में सभी देशवासी को संबोधित करते हुए कई महत्वपूर्ण विचार साझा किए और शुरुआत करते हुए कहा  मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार। आप सब lockdown  में इस ‘मन की बात’ को सुन रहे हैं। इस ‘मन की बात’ के लिये आने वाले सुझाव, phone call की संख्या, सामान्य रूप से कई गुणा ज्यादा है। कई सारे विषयों को अपने अन्दर समेट, आपकी यह मन की बातें, मेरे तक, पहुँची हैं। मैंने कोशिश की है, कि, इनको ज्यादा-से-ज्यादा पढ़ पाऊँ, सुन पाऊँ। आपकी बातों से कई ऐसे पहलू जानने को मिले हैं, जिनपर, इस आपा-धापी में ध्यान ही नहीं जाता है। मेरा मन करता है, कि, युद्ध के बीच हो रही इस ‘मन की बात’ में, उन्हीं कुछ पहलुओं को, आप सभी देशवासियों के साथ बाटूँ।   साथियो, भारत की  CORONA के खिलाफ़ लड़ाई सही मायने में  people driven है। भारत में CORONA के खिलाफ़ लड़ाई जनता लड़ रही है, आप लड़ रहे हैं, जनता के साथ मिलकर शासन, प्रशासन लड़ रहा है। भारत जैसा विशाल देश, जो वि

किसान रथ मोबाइल ऐप से 1.5 लाख से अधिक किसान और व्यापारी जुड़े

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कोरोना संकट में हम गांव एक्सप्रेस लगातार आप तक कृषि एवं ग्रामीण भारत से जुड़े सभी महत्वपूर्ण समाचार उपलब्ध करते आ रहे हैं अभी हाल ही में केंद्रीय सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा किसान मोबाइल रथ लॉन्च किया गया है इस ऐप में खाद्यान्न और कृषि उत्पादों को पहुंचाने की सुविधा की सभी जानकारी उपलब्ध है जिससे देश में खाद्यान्न आपूर्ति जारी रहे कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार लॉकडाउन अवधि के दौरान किसानों और खेती के कार्यों को सरल बनाने के लिए अनेक उपाय कर रही है। इन कार्यों की अद्यतन स्थिति नीचे दी गई है: कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने 17.04.2020 को किसान रथ नाम का एक ऐप शुरू किया है जो किसानों और व्यापारियों की कृषि उत्‍पादों खाद्यान्‍न (अनाज, मोटा अनाज, दलहन आदि) से लेकर फल और सब्जियां, तिलहनों, मसाले, रेशे वाली फसलें, फूल, बांस, लठ्ठे और छोटे वनोत्‍पाद, नारियल आदि को पहुंचाने के लिए परिवहन की सही प्रणाली का पता लगाने में मदद करेगा। अब तक, कुल 80,474 किसान और 70,581 व्‍यापारी इस ऐप पर पंजीकृत हैं। पूर्ण लॉकडाउन के कारण, सभी थोक मंडियों को 25.03.2020 को बंद कर दिया

इफको का कोविड महामारी से निपटने के प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान- गौड़ा

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हम गांव एक्सप्रेस लगातार आप तक कृषि के सभी समाचार पहुंचा रहे हैैं  इफको  रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत एक प्रमुख सहकारी उर्वरक कंपनी 'इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर को-ऑपरेटिव लिमिटेड' -इफको कोविड-19 महामारी से निपटने के प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। जी हां केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा ने कोविड-19 से निपटने के प्रयासों में मदद के लिए इफको के प्रयासों की सराहना की है। कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. यू.एस. अवस्थी को लिखे पत्र में, उन्होंने कहा, “कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण दुनिया बहुत मुश्किल दौर से गुजर रही है। लोगों और विशेष रूप से समाज के गरीब और वंचित तबके की आजीविका पर इसका गहरा प्रभाव पड़ रहा है। यह महामारी पूरे विश्व में बड़े पैमाने पर कहर बरपा रही है। इस बीमारी से अकेले नहीं लड़ा जा सकता है। इसके लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।” केंद्रीय मंत्री ने इफको की पीएम केयर्स में 25 करोड़ रुपये के योगदान की भी सराहना की और कहा “मैं इससे अभिभूत हूं ,  निस्वार्थ भाव के साथ किए गए इस कार्य के लिए मैं इफको क

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ICAR एवं DARE के अधिकारी के साथ खास बैठक

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किसान भाइयों हम गांव एक्सप्रेस लगातार आप तक कृषि से जुड़ी सम्पूर्ण समाचार तथ्य से सत्यापन के बाद आप तक पहुंचा रहे हैं इस कोरोना संकट में जहां पूरे विश्व के लोग जूझ रहे हैं ऐसे में भारत के किसानों के लिए केन्द्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्रालय  लगातार कई योजनाओं के माध्यम से किसानों के हितों में  कदम उठा रहा है केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने की ICAR व DARE के कार्यों की लगातार समीक्षा करते हुए सभी मुख्य पदाधिकारी के साथ लगातार सम्पर्क बनाएं हुए हैं । उन्नत खेती के लिए किसान भाई खुद से ही कराएं मृदा स्वास्थ्य परीक्षण जिससे मिटटी की उर्वरा शक्ति एवं खामियों के बारे में जानकारी मिल सके नरेंद्र सिंह तोमर ने करोड़ों किसानों के हित में कृषि विज्ञान केंद्रों के जरिये प्रचार-प्रसार पर विशेष जोर देते हुए कृषि वैज्ञानिकों को किसानों को हरसंभव प्रयास से लाभ पहुंचाए जिससे खेती के लिए सभी किसानों के उम्दा तरीकों का सभी को अधिकतम लाभ मिलता रहे  कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) व कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (DARE) के कार

कोरोना संकट में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय किसानों के हितों में गतिविधियां जरूर पढ़ें

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कोरोना संकट में किसानों के लिए हम गांव एक्सप्रेस लागातार कृषि से जुड़ी सभी समाचार एवम मुख्य जानकारी जो केन्द्र सरकार द्वारा उपलब्ध किए जा रहे हैं उसे गांव एक्सप्रेस की टीम लगातार आप तक पहुंच रही है हमारा प्रयास है किसी बजी समाचार को आप तक पहुंचाने के पहले सभी तथ्यों से सत्यापित होने के बाद ही उपलब्ध करें ।अभी कुछ महीनों पहले से वैश्विक स्तर पर आए संकट ने देश के किसानों को हताहत कर दिया है जिससे कृषि में कई प्रकार के संकट उत्पन्न हो गए है ऐसे में  कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार लाकडाउन अवधि के दौरान क्षेत्र स्तर पर किसानों और कृषि गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के लिए कई उपाय कर रही है।  केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे कार्य निम्नलिखित है रबी सीजन2020 के दौरान, वर्तमान में बीस (20) राज्यों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दलहन और तिलहन की खरीद की जा रही है। नेफेड और एफसीआई द्वारा 1,67,570.95 मीट्रिक टन दलहन और 1,11,638.52 मीट्रिक टन तिलहन की खरीद की गई है, जिसका मूल्य 1313 करोड़ रुपये है और इस माध्यम से 1,74,284 किसान लाभान्वित हुए हैं। पूर्वोत्तर क्षेत

G-20 देशों के कृषि मंत्रियों की आपात बैठक में कई फैसले:भारत है मजबूत-तोमर

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कोरोना को हराने में विश्व के कई देश लगातार स्वास्थ्य सम्बंधित अनुसंधान कर रहे हैं और वहीं भारत इसमें  आगे निकल रहा है पर अभी भी सावधानी जरूरी है जिससे खुद का बचाव कर सके जी हां हम गांव एक्सप्रेस लगातार आप तक कृषि से जुड़ी सभी जानकारी जो राष्ट्रीय या अंतराष्ट्रीय स्तर  पर आप।तक तथ्य से सत्यापित होने के बाद आप तक उपलब्ध करते है । कोविड-19 से निपटने के लिए G-20 देशों के कृषि मंत्रियों की मंगलवार को असाधारण बैठक हुई। इसमें खाद्य सुरक्षा, संरक्षा और पोषण पर इस महामारी के प्रभाव को लेकर चर्चा की गई। इस दौरान खाद्य अपव्यय एवं नुकसान से बचने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का संकल्प लिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी विभिन्न देशों में इस संकट से निपटने के लिए सहयोगी देशों में सबसे आगे हैं और हमारे नागरिकों की जरूरतों के अनुरूप कृषि मंत्रालय भी इसमें पीछे नहीं है। नरेंद्र सिंह तोमर ने इस वैश्विक महामारी के खिलाफ सभी देशों से एकजुटता के सा

बन गई कोरोना को हराने की दवा सेप्सिवाक जरूर पढ़ें

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हम गांव एक्सप्रेस लगातार आप तक तथ्य से सत्यापित होने के बाद ही जानकारी उपलब्ध करते है जी हां कोरोना को हराने प्राप्त करने में भारत के वैज्ञानिक आगे हुए और लगातार अनुसंधान के बाद इस पर विजय प्रप्त कर लिया जी हां वैज्ञानिक एंव औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर) ने अपने प्रमुख न्यू मिलेनियम इंडियन टेक्नोलॉजी लीडरशिप इनिशिएटिव (एनएमआईटीएलआई)  कार्यक्रम के माध्यम से, ग्राम नेगेटिव सेप्सिस से पीड़ित गंभीर रूप से बीमार रोगियों को बचाने के लिए एक दवा विकसित करने के काम में 2007 से, कैडिला फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड के साथ सहयोग किया है।दवा विकसित करने की समूची प्रक्रिया (पूर्व-नैदानिक ​​और नैदानिक ​​अध्ययन) की निगरानी सीएसआईआर द्वारा नियुक्त निगरानी समिति द्वारा की गई है। ऐसा माना जा रहा है कि यह दवा गंभीर रूप से बीमार रोगियों की मृत्यु दर आधी से भी कम कर देगी। यह गंभीर रोगियों में अंगो की शिथिलता को भी तेजी से ठीक कर सकती है। इस दवा को अब भारत में बेचे जाने की अनुमति मिल गई है। जल्दी ही यह बाजार में कैडिला फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड द्वारा व्यावसायिक रूप से सेप्सिवाक के नाम से मिलने

कृषि में उर्वरकों की लगातार आपूर्ति जारी रहेगी:केंद्रीय मंत्री

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किसान भाइयों हम गांव एक्सप्रेस आप तक लगातार कृषि से जुड़ी सभी समाचार उपलब्ध करते आ रहे हैं देश में किसानों को कोविड-19 लॉकडाउन के बावजूद, किसानों की मांग को पूरा करने के लिए उर्वरकों का उत्पादन और स्थानांतरण जारी17 अप्रैल को, सबसे ज्यादा 41 उर्वरक रेकों को संयंत्रों और बंदरगाहों से स्थानांतरित किया गया, लॉकडाउन के दौरान एक दिन में सबसे ज्यादा स्थानांतरण कोविड-19 के कारण राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान आवागमन पर बहुत ज्यादा प्रतिबंध होने के बावजूद, उर्वरक विभाग, रेलवे, राज्यों और बंदरगाहों के ठोस प्रयासों के कारण देश में किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए उर्वरकों का उत्पादन और आपूर्ति की जा रही है। इस प्रकार, पिछले शुक्रवार, 17 अप्रैल, 2020 को उर्वरकों के 41 रेकों को स्थानांतरित किया गया, जो लॉकडाउन अवधि के दौरान एक दिन की अधिकतम संख्या है।इस कदम के बारे में कल देर शाम ट्वीट के द्वारा जानकारी देते हुए, केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री डी. वी. सदानंद गौड़ा ने कहा "हम अपने किसानों के लिए बुआई से पहले उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 

2020- 21 सीजन में कई राज्यों में एमएसपी खरीद शुरू

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किसान भाइयों हम गांव एक्सप्रेस हमेशा से आप तक कृषि एवं ग्रामीण जरूरी जानकारियां उपलब्ध करने का प्रयास कर रहे हैं खरीद फसलों भारत सरकार, नेफेड और एफसीआई जैसी केंद्रीय नोडल एजेंसियों के माध्यम से किसानों को बेहतर रिटर्न देने का आश्वासन देती रही है। रबी 2020- 21 सीजन में कई राज्यों में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अधिसूचित वस्तुओं की खरीद शुरू हुई है। लाकडाउन के समय में किसानों को समय पर विपणन सहायता दी जा रही है। कोविड-19 महामारी के प्रबंधन के लिए जारी किए गए दिशानिर्देशों का अनुपालन करके अधिक से अधिक किसानों को सहायता पहुंचाई जा रही है।रबी सीजन 2020-21 में मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के अंतर्गत वर्तमान समय में कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में किसानों से एमएसपी पर दलहन और तिलहन की खरीद की जा रही है।  16 अप्रैल, 2020 तक नैफेड/एफसीआई द्वारा 1,33,987.65 मीट्रिक टन दाल और 29,264.17 मीट्रिक टन तिलहन की कुल 784.77 करोड़ रुपये की खरीद की गई है, जिसके माध्यम से 1,14,338 किसान लाभान्वित हुए हैं। लाकडाउन अवधि क

किसान भाइयों किसान रथ ऐप के फायदे जरूर पढ़ें

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कोरोना संकट में किसान भाइयों के लिए हम गांव एक्सप्रेस लगातार आप तक कृषि से जुड़े केंद्र सरकार और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के द्वारा जारी की जा रही सूचनाओं को लगातार आप तक पहुंचा रहे हैं ।अभी  रबी के फसलों कि कटाई के बाद बिक्री के लिए मंडियों का लॉक डाउन में बंद होने के कारण कई तरह की समस्या उत्पन हो रही है ऐसे लॉकडाउन में किसानों को फसल, फल और सब्जी बेचने में काफी परेशानी हो रही है। किसानों की इस परेशानी को देखते हुए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने शुक्रवार को, कृषि उत्पादों के परिवहन में सुगमता लाने के उद्देश्य से किसान रथ मोबाइल एप लांच किया। इस मोबाइल एप के माध्यम से किसान अपने घर बैठे इस मोबाइल ऐप पर ट्रक, ट्रैक्टर किराये पर बुला सकता है। इस एप से किसानों और व्यापारियों को परिवहन वाहनों (ट्रक या अन्य सामान ढ़ोने वाला वाहन) के बारे में जानकारी मिलेगी। एप में ट्रक के आने का समय और स्थान के बारे में भी जानकारी होगी जिसके बाद किसान एक तय समय और स्थान पर जाकर फल, सब्जियों और अनाज को बेच सकेंगे। इस एप के जरिए ट्रांसपोटर्स भी सामान की ढुलाई के लिए अपनी गाड़ी

कृषि एवं सामान्य लोगों 20 अप्रैल के बाद लॉक डाउन खुलने के नियम जरूर पढ़ें

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किसान भाइयों हम गांव एक्सप्रेस लगातार आप तक कृषि एवं अन्य मुख्य जानकारी जो केंद्र सरकार द्वारा जारी की जा रही सूचनाओ को पहुंचा रहे हैं अतः आपसे अनुरोध है इस संकट की घड़ी में अपने एवम अन्य सभी लोगों का ध्यान रखते हुए सरकार द्वारा दिये जा रहे दिशा निर्देशों का पालन करें व बिना काम के घर से बाहर ना निकलें।देशवासियों के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को लॉकडाउन 2.0 के दौरान कम जोखिम वाले क्षेत्रों में छूट संबंधी गाइलाइन जारी की है। यह छूट 20 अप्रैल से लागू होगी। कटाई और आने वाले दिनों में नए बुवाई सीजन के शुरू होने के मद्देनजर खेती-किसानी से जुड़े कामों को खास छूट दी गई है। हालांकि, इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। फ्लैट्स के निर्माण को भी शर्तों के साथ सीमित छूट दी गई है। लॉकडाउन 2.0 के दौरान इन गतिविधियों पर छूट रहेगी। - हेल्थ सर्विसेज चालू रहेंगी... - खेती से जुड़ी सभी गतिविधियां चालू रहेंगी, किसानों और कृषि मजदूरों को हार्वेस्टिंग से जुड़े काम करने की छूट रहेगी - कृषि उपकरणों की दुकानें, उनके मरम्मत और स्पेयर पार्ट्स की दुकानें खुली रहेंग

सहजन कि विशेषता जरूर पढ़ें

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दोस्तो हम गांव एक्सप्रेस हमेशा आप तक कृषि से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करने में प्रयासरत्त है आज आपको हम शरीर को स्वस्थ एवं कई बीमारियों से बचाव के लिए ऐसी सब्जी के बारे में बता रहे जो आपको अंदर से मजबूत ही नही बनाएगा बल्कि आपके शरीर के प्रति रोधक क्षमता बढ़ााएगा वह है सहजन (मुनगा)। इसकी जड़ से लेकर फूल, पत्ती, फल्ली, तना, गोंद हर चीज उपयोगी होती है। आयुर्वेद में सहजन से तीन सौ रोगों का उपचार संभव है। सहजन के पौष्टिक गुणों की तुलना :- विटामिन सी- संतरे से सात गुना अधिक। विटामिन ए- गाजर से चार गुना अधिक। कैलशियम- दूध से चार गुना अधिक। पोटेशियम- केले से तीन गुना अधिक। प्रोटीन- दही की तुलना में तीन गुना अधिक।               स्वास्थ्य के हिसाब से इसकी फली, हरी और सूखी पत्तियों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन-ए, सी और बी-काम्प्लेक्स प्रचुर मात्रा में पाई जाते हैं। इनका सेवन कर कई बीमारियों को बढ़ने से रोका जा सकता है, इसका बॉटेनिकल नाम ' मोरिगा ओलिफेरा ' है। हिंदी में इसे सहजना, सुजना, सेंजन और मुनगा नाम से भी जानते हैं, जो ल