जैविक कृषि ही आने वाले भारत का भविष्य है जिससे आम जनजीवन में नियमित रूप से रसायन मुक्त उत्पादों कि आपूर्ति जारी रहे। आज जैविक खेती के विकास की गाथा न केवल भारत में,बल्कि विश्व स्तर पर भी बढ़ती मांग की बदौलत अब पूरी तरह से हमारे सामने है। कोविड महामारी से त्रस्त दुनिया में स्वास्थ्यवर्धक एवं सुरक्षित भोजन की मांग पहले से ही निरंतर बढ़ती जा रही है, अत: इस सुखद स्थिति को बयां करने का यह बिल्कुल उपयुक्त समय है कि किस तरह से यह हमारे किसानों, उपभोक्ताओं और पर्यावरण के लिए फायदे का सौदा है। भारत जैविक किसानों की कुल संख्या के मामले में ‘नंबर वन’ है और जैविक खेती के तहत कुल रकबे की दृष्टि से नौवें स्थान पर है। सिक्किम पूरी तरह से जैविक बनने वाला दुनिया का पहला राज्य बन गया। यही नहीं, त्रिपुरा एवं उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों ने भी ठीक इसी तरह के लक्ष्य तय किए हैं। पूर्वोत्तर भारत पारंपरिक रूप से जैविक रहा है और यहां रसायनों की खपत देश के बाकी हिस्सों की तुलना में काफी कम है। इसी तरह आदिवासी या जनजातीय और द्वीप क्षेत्रों को अपनी जैविक गाथा को निरं...
गांव में कई ऐसे लोग होते हैं जो आज भी अपने स्वाभिमान को बरकरार रखते है और अपने मेहनत के पैसे से सामान खरीद कर प्रयोग करते है ऐसा ही कुछ एक गाँव में हुआ कि एक आदमी ने दुकानदार से पूछा - केले और सेब क्या भाव लगाऐ हैं ? केले 20 रु.दर्जन और सेब 100 रु. किलो । उसी समय एक गरीब सी औरत दुकान में आयी और बोली मुझे एक किलो सेब और एक दर्जन केले चाहिये - क्या भाव है भैया ? दुकानदार: केले 5 रु दर्जन और सेब 25 रु किलो। औरत ने कहा जल्दी से दे दीजिये और ऐसा सुनते ही वहां दुकान में पहले से मौजूद ग्राहक ने फल बेचने वाले दुकानदार को खा जाने वाली निगाहों से घूरकर देखा । पर इससे पहले कि वो कुछ कहता - दुकानदार ने सभी ग्राहक को इशारा करते हुये थोड़ा सा इंतजार करने को कहा। औरत खुशी खुशी खरीदारी करके दुकान से निकलते हुये बड़बड़ाई - हे भगवान तेरा लाख- लाख शुक्र है , मेरे बच्चे फलों को खाकर बहुत खुश होंगे ।पर वहां खड़े औरत के जाने के बाद दुकानदार ने पहले से मौजूद ग्राहक की तरफ देखते हुये कहा : ईश्वर गवाह है भाई साहब ! मैंने आपको कोई धोखा देने की कोशिश नहीं की यह...
देश की महिला युवा सांसद चन्द्राणी मुर्मू है जी हाँ इस लोकसभा चुनाव में 67822 मतों से बी जे पी के सांसदअनंत नायक को हराया है आपको जान कर हैरानी होगी की ये सांसद बनने के पहले सामान्य रूप से पढ़ाई बी टेक करके नौकरी की तलाश में थी पर उनको भी ये नहीं पता था की उनको भी एक सांसद बन कर अपने क्षेत्र के लोगों का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा |चन्द्राणी मुर्मू के नाना अस्सी के दशक में दो बार कांग्रेस से संसद रह चुके थे और उसके बाद उनका परिवार कभी भी राजनीती में सक्रीय नहीं रहा पर इस बार बीजू जनता दल के मुखिया नविन पटनायक ने अचानक से घोषणा करते हुए लोकसभा चुनाव में युवा महिला को मौका देते हुए क्योंझर से टिकट देते हुए ऐतिहासिक जीत अर्जित की और देश के सबसे युवा सांसद की उपाधि ली हालाँकि इसके पहले देश के सबसे युवा सांसद का ख़िताब इंडियन नेशनल लोक दल के दुष्यंत चौटाला के नाम था जो देश के सबसे कम उम्र 26 साल के साद थे चौटाला को 2014 में हिसार लोकसभा से चुना गया था |पर चन्द्राणी मुर्मू ने 25 साल 11महीने की आयु में लोकसभा चुनाव जितने के बाद सबसे कम उम्र की स...
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