किसान भाइयों इस संकट कि घडी में घबराइए नहीं हम गांव एक्सप्रेस आपको पल पल ग्रामीण एवं कृषि से जुडी महत्वपूर्ण जानकारियां एवं समाचार आप तक सोशल मीडिया के माध्यम से पहुंचते रहेंगे हमारा प्रयास है कि हम आपको सत्य एवं तथ्यपूर्ण जानकारी उपलब्ध करने का प्रयास करेंगे आपसे अनुरोध है कि आप हमारे साथ जुड़ें रहें हमें फॉलो करें और अपने किसान दोस्तों को भी इस महत्वपूर्ण जानकारी शेयर करें |कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप को ध्यान में रखते हुए रबी फसलों की कटाई एवं मड़ाई और फसल कटाई के बाद कृषि उपज के भंडारण एवं विपणन के लिए निम्नलिखित एडवाइजरी जारी की है: फसलों की कटाई एवं मड़ाई देश में कोविड-19 वायरस के फैलने के खतरे के साथ ही फसलें भी तेजी से पकने की ओर अग्रसर हैं। इन फसलों की कटाई एवं उन्हें बाजार तक पहुंचाने का काम वांछनीय है क्योंकि कृषि कार्य में समय की बाध्यता अत्यंत महत्वपूर्ण है। अतः किसानों के लिए सावधानी एवं सुरक्षा का पालन करना बहुत ही जरूरी है, ताकि इससे महामारी का फैलाव ना हो सके। ऐसी स्थिति में साधार
दोस्तों ताड़ का पेड़ बचपन से ही मेरे लिये एक सोचने वाला विषय होता था क्योंकि मैं लोगों को जब ताड़ के पेड़ पर ताड़ के रस को उतारते देखता था तो यही सोचता था यह लोग इतने ऊपर चढ कैसे जाते और इसके रस के लिये अपना जान जोख़िम में डालते इन ताड़ के पेड़ की लंबाई बहुत होती थी और ताड़ी उतारने वाले शरीर सुडौल होता था मैं इन्हें देख डर जाता की ऊपर से गिरे तो क्या होगा बसंत से इनमें फूल आता और यह लोग चढ कर उसमें से रस निकालना शुरू करते थे और यह रस पूरी रात टपकता मटका भर जाता था कुदरत का खेल भी अजीब है इनके रस में मधुमक्खी नशा करके उसी में गिर जाती थी,सुबह की ताड़ी दवा का काम करता और शाम का जिसे धूप लगलजाता नशा का एक बार कोशिश की पीने की पर एक घूंट मे जैसे उल्टी सी आ जाये और माता जी की डांट की नशा होता फिर पीने की हिम्मत नही हुई,सोचा आपको भी बताऊँ तो जानिये इस अद्भुत पेड़ के बारे में ताड़ का परिचय (ताड़ नारियल की तरह लंबा और सीधा पेड़ होता है लेकिन ताड़ के वृक्ष में डालियाँ नहीं होती है वरन् तने से ही पत्ते निकलते हैं। आपको ये जानकार आश्चर्य होगा कि ताड़ का वृक्ष नर और नारी दो प्रकार के
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री, गिरिराज सिंह, आज यहां “स्टार्टअप इंडिया-पशुपालन बड़ी चुनौती” के विजेताओं के लिए आयोजित पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर मंत्रालय में राज्य मंत्री संजीव कुमार बाल्यान और सचिव अतुल चतुर्वेदी उपस्थित थे। पशुपालन और डेयरी विभाग ने स्टार्टअप इंडिया के साथ साझेदारी में 'पशुपालन स्टार्टअप-बड़ी चुनौती' शुरू किया ताकि पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में आने वाली समस्याओं का समाधान करने के लिए अभिनव और व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य समाधान के लिए नई खोज की जा सके। इस चुनौती की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल 11 सितंबर को मथुरा में एक राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम में की थी। चुनौती छह समस्या विवरणों के अद्वितीय समाधान के साथ सभी स्टार्टअप के लिए आवेदन के लिए खुली थी जिन्हें नीचे दिया गया है: मूल्य वर्धित उत्पाद: छोटे घरेलू और निर्यात बाजारों के लिए नवीन तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए कुछ मूल्य वर्धित डेयरी उत्पादों जैसे पनीर, स्मूदीज़, फ्लेवर्ड मिल्क, कस्टर्ड, दही, और अन्य एथनिक भारतीय उत्पादों को
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