भारत में जैविक किसानों की कुल संख्या के मामले में ‘नंबर वन
जैविक कृषि ही आने वाले भारत का भविष्य है जिससे आम जनजीवन में नियमित रूप से रसायन मुक्त उत्पादों कि आपूर्ति जारी रहे। आज जैविक खेती के विकास की गाथा न केवल भारत में,बल्कि विश्व स्तर पर भी बढ़ती मांग की बदौलत अब पूरी तरह से हमारे सामने है। कोविड महामारी से त्रस्त दुनिया में स्वास्थ्यवर्धक एवं सुरक्षित भोजन की मांग पहले से ही निरंतर बढ़ती जा रही है, अत: इस सुखद स्थिति को बयां करने का यह बिल्कुल उपयुक्त समय है कि किस तरह से यह हमारे किसानों, उपभोक्ताओं और पर्यावरण के लिए फायदे का सौदा है। भारत जैविक किसानों की कुल संख्या के मामले में ‘नंबर वन’ है और जैविक खेती के तहत कुल रकबे की दृष्टि से नौवें स्थान पर है। सिक्किम पूरी तरह से जैविक बनने वाला दुनिया का पहला राज्य बन गया। यही नहीं, त्रिपुरा एवं उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों ने भी ठीक इसी तरह के लक्ष्य तय किए हैं। पूर्वोत्तर भारत पारंपरिक रूप से जैविक रहा है और यहां रसायनों की खपत देश के बाकी हिस्सों की तुलना में काफी कम है। इसी तरह आदिवासी या जनजातीय और द्वीप क्षेत्रों को अपनी जैविक गाथा को निरं...
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